About Us

Women play a crucial role in the growth and development of the nation and are an essential part of society. Education is vital for their overall development. To support this, the State Government undertook efforts to establish a dedicated women's college in higher education. The Uttarakhand Government's goal is to empower women, enabling them to contribute significantly to societal progress. This initiative represents a collaborative effort to enhance the status of women in society.

Rani Dharm Kunwar Government Degree College, established on September 11, 2014, is located in Dallawala, 8 km away from the Khanpur block in Haridwar district, 21 km from Laksar railway station, and 106 km from Dehradun, the capital of Uttarakhand. The college is affiliated with Sri Dev Suman Uttarakhand University, Badshahithol in district Tehri Garhwal (Uttarakhand). In 2021, the Government of Uttarakhand declared this college as co-educational institution, allowing boys also to get benefit from higher education in this quite remote area of District Haridwar. The first such bath started from the academic session 2022-23.

Rani Dharm Kunwar Government Degree College Dallawala Affiliated to Sri Dev Suman University, Tehri (Uttarakhand).


Status of Affiliation Undergraduate (Humanities)
Affiliation No. 487/जी०एस०(शिक्षा) /A11-124/2023-- देहरादून 14 जुलाई 2023
College AISHE Code C-58828
Extention of affiliation upto Undergraduate with Humanities (Hindi, English, Sanskrit, Political Science, Sociology & Education) upto form year 2020-21to 2023-24, for year 2024-25 is under the process.




कुल गीत - रानी धर्म कुँवर राजकीय महाविद्यालय, दल्लावाला, खानपुर (हरिद्वार)

इस धरा को नमन करें हम, ये है देवों की शान।
इसी धरा पर जन्में, राजा भरत महान।।

महादेव का पावन मंदि, इसकी शान बढ़ाता है।
पतित पावनी गंगा का जल, निर्मल हमें बनाता है।।

इस धरा को नमन करें हम, ये है देवों की शान।
इसी धरा पर जन्में, राजा भरत महान।।

वो थी रजा दक्ष की संतान, सती था जिनका नाम।
ये हरिद्वार की धरा निराली, संतों के तप का प्रसिद्ध स्थान।।

इस धरा को नमन करें हम, ये है देवों की शान।
इसी धरा पर जन्में, भरत महान।।

माँ शारदे को वंदन कर, ज्ञान का दीप जलाना है।
जन-जन पथ आलोकित कर, पीयूष स्त्रोत्र बहाना है।।

इस धरा को नमन करें हम, ये है देवों की शान।
इसी धरा पर जन्में, भरत महान।।

हरिद्वार की पुण्य भूमि, मन प्रफुल्लित कर देती है।
ऋषि पतंजलि के ज्ञान की वर्षा, प्रतिपल यहाँ बरसाती है।।

इस धरा को नमन करें हम, ये है देवों की शान।
इसी धरा पर जन्में, भरत महान।।

हुआ आगमन शंकराचार्य का देवभूमि भी हर्षाये।
नित प्रेरणा प्राप्त करें हम, घर-घर ज्ञान के दीप जलाय।।

इस धरा को नमन करें हम, ये है देवों की शान।
इसी धरा पर जन्में, भरत महान।।

हाथ जोड़कर शीश झुकाकर, आओ वंदना करें अभी।
राष्ट्र धर्म से संस्कारित हों, ज्ञान की माला बनें सभी।।

इस धरा को नमन करें हम, ये है देवों की शान।
इसी धरा पर जन्में, भरत महान।।