About Rani Dharm Kunwar (रानी धर्म कुँवरः कृतित्व एवं व्यक्तित्व)
प्राचीन गौरवशाली रियासत लण्ढ़ौरा (जनपद हरिद्वार) की रानी धर्म कुँवर जी बहुमुखी प्रतिभा के व्यक्तित्व वाली विदुषी नारी थी। रानी धर्म कुँवर जी राजा रघुवीर सिंह की धर्मपत्नी थी। युवावस्था में ही राजा रघुवीर सिंह का निधन हो गया किन्तु पति के निधन के पश्चात् भी रानी धर्म कुँवर जी विचलित नहीं हुई। उन्होंने असंख्य ऐसे कार्य किए जिससे समाज को नई दिशा प्रदान हुई। मिली। रानी धर्म कुँवर सर्वप्रथम परम्परागत पर्दा प्रथा से ऊपर उठकर रियासत के निजाम के दायित्वों का कुशल नेतृत्व किया जिससे उन्हें ’’रानी का लण्ढ़ौरा’’ कहा गया। दशकों तक रानी धर्म कुँवर जी के द्वारा ही रियासत लण्ढौरा पर शासन किया गया।
उनके द्वारा राजस्व वसूली नियमों में सुधार, मुसाफिरों के ठहरने हेतु सराय-धर्मशालाओं के निर्माण, कनखल के राजघाट पर राजा रघुवीर सिंह की स्मृति-छतरी तथा विलक्षण राधा-कृष्ण मन्दिर, दक्षेश्वर महादेव मन्दिर, हर की पौड़ी पर नाई सोता मन्दिर, खानपुर का जय शंकर महादेव मन्दिर, पंचलेश्वर महादेव मन्दिर, पंचवेली सिक्खर महादेव मन्दिर, लण्ढौरा, पक्का बाग भोलेनाथ मन्दिर आदि सैकड़ों मन्दिर राज प्रसाद के निर्माण करवायें।
सबसे महत्वपूर्ण मेरठ में पूरा महादेव का प्राचीन मन्दिर निर्माण है जहाँ महाशिवरात्रि पर प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में कांवड में पवित्र गंगाजल भर सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर महादेव पर जल चढ़ाकर मनोकामना पूर्ण करते है।
सैकड़ों मन्दिरों के निर्माण के अलावा रानी साहिबा ने शिक्षा के मन्दिर भी वृहद संख्या में निर्मित करवाये। बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु रियासत लण्ढौरा के राज कोष से सुदूर ग्रामीण अंचलों में विद्यालय खुलवाये।
रानी धर्म कुँवर जी के कृतित्व एवं व्यक्तित्व को सशक्त आधार स्वीकार करते हुए राजकीय कन्या महाविद्यालय दल्लावाला खानपुर का नाम परिवर्तित करते हुए दिनाँक 09.09.2021 को उत्तराखण्ड शासन द्वारा ’’रानी धर्म कुँवर राजकीय महाविद्यालय दल्लावाला, खानपुर’’ किया गया। रानी धर्म कुँवर राजकीय महाविद्यालय दल्लावाला, खानपुर दुर्गम ग्रामीण क्षेत्र में अवस्थित यह महाविद्यालय छात्र/छात्राओं के लिए संजीवनी बूटी का कार्य निरन्तर कर रहा है।